'

जर्मन विचारक मार्क्स ने कहा - "धर्म अफीम की गोली है" मार्क्स को वैज्ञानिक समाजवाद का जनक कहा जाता है मार्क्स अपने समाजवाद को वैज्ञानिक इसलिए कहता है क्योकि यह इतिहास पर आधारित है मार्क्स की मुख्य पुस्तके - कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो ,पावर्टी ऑफ़ फिलोसोफी ,द क्रिटिक ऑफ़ पोलटिक्स इकॉनमी ,दस कैपिटल ,क्लास स्ट्रगल इन फ्रांस ,द सिविल वॉर इन फ्रांस ,वैल्यू ,प्राइस एंड प्रॉफिट। मार्क्स संसद को बातचीत करने की दूकान या गप मरने की दूकान । अभी तक दार्शनिक ने केवल संसार की बात की है मैंने संसार को ही बदलने का कार्य किया है ।मार्क्स ने कहा मजदूरों की कोई देश नहीं होता और "हे विश्व के मजदूरों एक हो जाओ , खोने के लिए बेड़िया है पाने के लिए संसार है "..........
No comments:
Post a Comment