वायुमंडल क्या है एवं वायुमंडल की संरचना:--
हमारी पृथ्वी के चारों ओर वायु फैली हुई है, जिसे वायुमंडल (Atmosphere) कहते हैं। पृथ्वी पर समस्त प्राणी व जीव जंतु वायुमंडल पर ही निर्भर है। जैसे – पेड़ हमें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और वायुमंडल ही सूर्य की हानिकारक किरणों के प्रभाव से हमारी रक्षा करता है अगर वायुमंडल (Atmosphere) हमारी रक्षा न करें तो हम दिन के समय सूर्य की गर्मी से जलते हैं एवं रात्रि में ठंड सकते हैं, ये वायुमण्डल (Atmosphere) ही है जो पृथ्वी के तापमान को रहने योग्य बनाता है।
वायुमंडल का संघटन:----
वायु उपयोग हम सांस लेने के लिए करते हैं, लेकिन इस वायु में अनेक गैसों का मिश्रण होता है। जैसे – नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन ये दो गैसों का वायुमंडल में अधिक मात्रा में पायी जाती है तथा कम मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड, हीलियम, ओजोन, आर्गन एवं हाइड्रोजन पाई जाती है। वायु के विभिन्न संघटनों के प्रतिशत
👉नाइट्रोजन 78 %
👉ऑक्सीजन 21 %
👉कार्बन डाइऑक्साइड 0.03 %
👉आर्गन 0.93 %
👉अन्य सभी 0.04 %
👉ऑक्सीजन 21 %
👉कार्बन डाइऑक्साइड 0.03 %
👉आर्गन 0.93 %
👉अन्य सभी 0.04 %
वायुमंडल की संरचना
वायुमंडल पॉच परतों में विभाजित है, जो कि पृथ्वी की सतह से आरंभ होती हैं – क्षोभ मंडल, समताप मंडल, मध्य मंडल, ब्राह्म मंडल एवं बर्हिमण्डल।
क्षोभ मंडल :- हम इसी मंडल में मौजूद वायु में सांस लेते हैं, मौसम की लगभग सभी घटनाएं जैसे वर्षा, कोहरा एवं ओला वर्षण इसी परत में होती हैं। यह परत वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत है, इसकी औसत ऊंचाई 13 किलोमीटर है।
समताप मंडल :- क्षोभ मंडल की ऊपरी परत समताप मंडल है, जो लगभग 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली है। समताप मंडल में ही ओजोन परत होती है, जो सूर्य से आने वाली हानिकारक गैसों से हमारी रक्षा करती है समताप मंडल में ही हवाई जहाज उड़ा करते हैं।
मध्य मंडल :- ये परत समताप मंडल के ऊपर पाई जाती है, यह वायु मंडल की तीसरी परत है। इसकी ऊंचाई लगभग 80 किलोमीटर की ऊंचाई तक है। इसी परत में अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले उल्कापिंड आने पर जल जाते हैं।
ब्राह्म मंडल :- आयन मंडल ब्राह्म मंडल का ही एक भाग है, यह लगभग 80 से 400 किलोमीटर तक फैली है। रेडियो संचार वास्तव में पृथ्वी से प्रसारित तरंगे इसी परत पुन: पृथ्वी पर परावर्तित होती हैं। ब्राह्म वायुमंडल में ऊंचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान भी अधिक तीव्रता से बढ़ता है।
बर्हिमण्डल :– वायुमण्डल (Atmosphere) की सबसे ऊपरी परत को बर्हिमण्डल कहते हैं, यह वायुमंडल की सबसे पतली परत है। यहीं से हल्की गैसे जैसे – हीलियम एवं हाइड्रोजन अंतरिक्ष में तैरती रहती हैं।
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